Bageshwar Maharaj Clean Chit | बागेश्वर महाराज धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर पुलिस की ‘क्लीन चिट’, कहा- वीडियो में नहीं कुछ भी विवादित

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नई दिल्ली/नागपुर. महारष्ट्र (Maharashtra) से मिली एक सनसनीखेज खबर के अनुसार, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा एक शिकायत के मामले में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) को आज नागपुर पुलिस ने अपनी तरफ से क्लीनचिट दे दी है। दरसल मामले पर पुलिस ने कहा है कि वीडियो में देखने में अंधश्रद्धा या अंधविश्वास जैसा कुछ भी नहीं है। 

इसी के साथ आज नागपुर पुलिस ने अपना लिखित जवाब अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष और शिकायतकर्ता श्याम मानव को भी भेजा है। जानकारी हो कि, धीरेंद्र शास्त्री की नागपुर में ‘श्रीराम चरित्र चर्चा’ आयोजित हुई थी। इसके खिलाफ महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने नागपुर पुलिस से शिकायत की थी। समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास और जादू-टोना को बढ़ावा देने का संगीन आरोप भी लगाया था।

Courtsey:  RAM NARAYAN VIDUR 

क्या है मुद्दा

गौरतलब है कि, अपने तेज़-तर्रार और मुखर बयानों की वजह से अक्सर बागेश्वर धाम सरकार के वीडियोज़ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी वायरल होते रहते हैं। वहीं कुछ दिनों पहले बागेश्वर सरकार का नागपुर में कथा का कार्यक्रम था। यहीं से यह पूरा विवाद शुरू हुआ। समिति ने नागपुर में पुलिस केस भी दर्ज करवाई थी और बाबा को चुनौती दी थी। वहीं बाबा पर आरोप था कि चुनौती अस्वीकार कर वो कथा छोड़कर चले गए थे। 

क्या है पूरा वाकया

वहीं इस अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्य, श्याम मानव ने बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र के दरबार को डर का दरबार बताया था और बाबा पर धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। इसके बाद श्याम मानव ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई थी। मीडिया से बात-चीत में श्याम मानव ने कहा था कि 5-13 जनवरी तक बाबा की कथा होनी थी। कथा पूरी होने से पहले ही वो नागपुर से चले गए थे ।

दरअसल समिति ने बागेश्वर के पंडित शास्त्री को खुली चुनौती दी था। समिति ने कहा कि वो 10 लोगों के बारे में कुछ बता दें। इन सदस्यों का नाम, पिता का नाम और फोन नंबर बताना तथा। कमरे में रखे 10 चीजों की पहचान करनी थी। 90% सही जवाब देने पर समिति ने बाबा को 30 लाख रुपये देने की भी बात कही थी। वहीं बाबा ने एक वीडियो में चुनौती देने वालों को रावण के खानदान का बताया था। उन्होंने चुनौती देने वालों को रायपुर बुलाया और कहा कि किराये का खर्च वो दे देंगे ऐसा उन्होंने कहा था।  

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