Ganga Vilas Cruise: 25 नदियों से गुजरेगा क्रूज, महंगे टिकट पर भी मार्च 2024 तक बुकिंग फुल, जानें खास बातें

MV Ganga Vilas Cruise Important Facts: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया का सबसे लंबा जलमार्ग तय करने वाले गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखा दी है. यह रिवर क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम की कुल 25 नदियों के मार्ग से होते हुए यात्रा पूरी करेगा. गंगा विलास क्रूज, मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग परिवहन का हिस्सा है. दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज के रूप में अपने पहले सफर पर शुक्रवार को वाराणसी से रवाना हुआ ‘एमवी गंगा विलास’ शाकाहारी भारतीय खानपान, अल्कोहल-मुक्त पेय, स्पा और चिकित्सकीय मदद जैसी कई सुविधाओं से लैस है.

‘एमवी गंगा विलास’ लक्जरी क्रूज पर सफर करने के लिए मोटी कीमत चुकानी होगी. एक यात्री का किराया लगभग 50-55 लाख रुपये होगा. इतनी ऊंची कीमत के बावजूद इस क्रूज पर सफर करने की मंशा रखनेवाले लोगों को एक साल से अधिक समय तक इंतजार करना होगा. इसकी वजह यह है कि यह क्रूज मार्च 2024 तक पहले ही बुक हो चुका है. इसका मतलब है कि एमवी गंगा विलास क्रूज से वाराणसी-डिब्रूगढ़ का सफर तय करने के लिए किसी व्यक्ति को अप्रैल 2024 तक इंतजार करना होगा. नयी बुकिंग अगले साल अप्रैल से ही उपलब्ध होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये इस क्रूज को हरी झंडी दिखाकर 51 दिनों के लंबे सफर पर रवाना किया. इस दौरान यह क्रूज भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के जल-क्षेत्रों से होकर असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. इस दौरान रास्‍ते में प्रमुख नदियां- गंगा, भागीरथी, यमुना, विद्यावती और ब्रह्मपुत्र आएंगी. गंगा विलास क्रूज के पहले सफर पर 32 विदेशी पर्यटक रवाना हुए हैं. डिब्रूगढ़ में एमवी गंगा विलास के आगमन की अपेक्षित तारीख 1 मार्च 2023 है.

गंगा विलास लक्जरी क्रूज का परिचालन करने वाली कंपनी अंतरा लग्जरी रिवर क्रूजेज (Antara Luxury River Cruises) की उपाध्यक्ष सौदामिनी माथुर ने कहा कि दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज पर डिब्रूगढ़ तक का एक यात्री का किराया 50 लाख से लेकर 55 लाख रुपये होगा. उन्होंने कहा कि मार्च 2024 तक सीटें पूरी तरह बुक हो चुकी हैं और उसके बाद की ही बुकिंग उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि पहले से बुकिंग कराने वाले ज्यादातर यात्री अमेरिका और यूरोपीय देशों के हैं.

माथुर ने बताया कि देश में बने इस पहले क्रूज जहाज में यात्रियों को स्थानीय भोजन और मौसमी सब्जियां ही परोसी जाएंगी. गंगा विलास क्रूज का संचालन करनेवाली अंतरा लग्जरी रिवर क्रूजेज कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज सिंह ने कहा कि क्रूज पर पूरी तरह शाकाहारी भोजन ही परोसा जाएगा. इसके अलावा किसी भी तरह का अल्कोहल भी नहीं परोसा जाएगा. इस क्रूज की कमान 35 साल का अनुभव रखने वाले कैप्टन महादेव नाइक के पास है. चालक दल में कुल 39 सदस्य तैनात हैं.

गंगा विलास क्रूज के पहले सफर के यात्री नेगार क्रीगर ने गंगा नदी से होकर सफर करने को अपने लिए बेहद खास अनुभव बताते हुए कहा, यह जिंदगी में एक बार होने वाला अनुभव है, इससे वंचित नहीं रहा जा सकता है. थॉमिएन क्रिस्टियन की भी कुछ ऐसी ही राय है. स्विट्जरलैंड के क्रिस्टियन ने कहा, इस क्रूज पर सब कुछ शानदार है.

गंगा विलास क्रूज में फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं हैं. इसकी लंबाई 62 मीटर, चौड़ाई 12 मीटर और ऊंचाई 9 मीटर है. गंगा विलास भारत में बना पहला रिवर क्रूज है. दुनिया के इस सबसे बड़े रिवर क्रूज में फर्नीचर से लेकर हर एक चीज हैंड मेड है. इस क्रूज को दो मंजिला बनाया गया है. क्रूज में 18 सुइट्स हैं. इसमें ओपन स्पेस बालकनी, जिम, स्टडी रूम, लाइब्रेरी भी मिलेगी. मनोरंजन के लिए गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी व्यवस्था है. स्पा, सैलून के साथ चिकित्सकीय सुविधा भी मिलेंगी.

अपनी लंबी यात्रा में यह क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा. क्रूज के रूट में यूनेस्को प्रमाणित विश्व धरोहर सुंदरवन, काजीरंगा नेशनल पार, दुनिया के सबसे बड़े रिवर आइलैंड माजुली आइलैंड का नजारा भी देखा जा सकेगा. (वेब वार्ता इनपुट के साथ)

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