देश के दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के मालिक रतन टाटा (Ratan TATA) के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है। भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके प्रयासों के लिए रतन टाटा को ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित किया गया है।
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओफारेल ने ट्विटर पर इस समारोह की तस्वीरें शेयर कीं और लिखा कि भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया में भी रतन टाटा (Ratan TATA) का योगदान रहा है। वे एक दिग्गज बिजनेसमैन हैं।
मानद अधिकारी चुनने के बाद सर्वोच्च सम्मान
भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan TATA) को ऑस्ट्रेलिया-इंडिया बायलेट्रल रिलेशनशिप, ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और परोपकारी कार्यों के लिए ऑस्ट्रेलिया के जनरल डिवीजन में एक मानद अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया। इसके 1 महीने बाद ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा है।
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दुनियाभर में रतन टाटा की पहचान और योगदान
भारत के साथ-साथ रतन टाटा पूरी दुनिया में रतन टाटा का व्यापारिक योगदान रहा। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कई बड़े लक्ष्यों को हासिल किया है, साथ ही अगली पीढ़ी के उद्योगपतियों को भी उनसे काफी-कुछ सीखने को मिला है। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान के अलावा रतन टाटा ने काफी परोपकारी कार्य किए हैं। अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाने वाले रतन टाटा ने मार्च 1991 में बतौर अध्यक्ष टाटा ग्रुप की कमान संभाली और 2012 में पद छोड़ दिया।
परोपकारी कार्यों के लिए कर चुके हैं करोड़ों रुपये का दान
रतन टाटा की कंपनी दुनिया में परोपकार के लिए भी जानी जाती है। ये लाखों करोड़ों रुपये दान कर चुके हैं। रतन टाटा ने कोरोना महामारी के दौरान 1500 करोड़ रुपये का दान दिया था। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये अपने कमाई का 60 से 70 फीसदी हिस्सा परोपकार के लिए दान कर देते हैं।