Bhiwani Murder Case | युवकों की हत्या का मामला: राजस्थान पुलिस ने आठ और लोगों की पहचान की, तलाश जारी

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जयपुर: राजस्थान पुलिस ने भरतपुर के दो मुस्लिम युवकों के अपहरण व हत्या के मामले में कथित तौर पर शामिल आठ और लोगों की पहचान कर ली है।  एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इन लोगों के नाम व फोटो जारी करते हुए बुधवार को बताया कि सभी आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं जिनकी हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कानून अपना काम करे और मुलजिम पकड़े जाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कत‍िपय ‘गोरक्षकों’ पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘‘ये असामाजिक तत्व हैं जो बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के नाम से काम करते हैं।”

भरतपुर के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि इस मामले में पहले ही गिरफ्तार रिंकू सैनी से पूछताछ व तकनीकी तथा अन्य साक्ष्यों के आधार पर अब तक आठ लोगों का इस घटनाक्रम में स्पष्ट रूप से शामिल होना पाया गया है। उन्होंने कहा,‘‘ साक्ष्यों के विश्लेषण से अब तक आठ व्यक्तियों की संलिप्तता प्रमाणित हुई है।”

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के भरतपुर जिले में पहाड़ी तहसील के घाटमीका गांव के रहने वाले नासिर (25) और जुनैद (35) के बुरी तरह जले शव भिवानी के लोहारू में जले हुए वाहन जीप में मिले थे। इन दोनों का एक दिन पहले 15 फरवरी को कथित रूप से कुछ ‘गोरक्षकों’ ने अपहरण कर लिया था। 

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राजस्थान पुलिस ने परिवार के सदस्यों की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत में नामजद पांच लोगों में से एक रिंकू सैनी को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया था। सैनी को बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 27 फरवरी तक पुलिस हिरासत पर भेज दिया गया। श्रीवास्तव ने ‘वेब वार्ता-वेब वार्ता’ से कहा,‘‘ गिरफ्तार रिंकू सैनी से हुई पूछताछ से पूरे घटनाक्रम का काफी हद तक खुलासा हो गया है और जो लोग इस घटना में शामिल थे, उन लोगों में से भी कई की पहचान हुई है।”

उन्होंने बताया कि रिंकू सैनी के अलावा आठ व्यक्तियों की पहचान स्पष्ट रूप से इस घटनाक्रम में शामिल होनी पाई गई है जिनमें दो व्यक्ति अनिल निवासी मूलथान व श्रीकांत निवासी मरोडा, प्राथमिकी में ही रिंकू के साथ नामजद हैं व दोनों नूहं, मेवात के रहने वाले हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि इनके अलावा कालू निवासी बाबा लदाना, मोनू राणा निवासी पालूवास, विकास आर्य निवासी सफीदों, शशिकांत निवासी मुनक तथा गोगी निवासी भिवानी को भी घटना में संलिप्त पाया गया है। 

अधिकारी ने कहा कि छह नए नाम सामने आए हैं और प्राथमिकी में पहले से नामित लोकेश सिंगला और मोनू मानेसर अब भी मामले में संदिग्ध हैं। उन्होंने कहा,‘‘ये आठ ऐसे लोग हैं जिनकी घटनाक्रम में संलिप्तता पाई गई है और प्रमाणित हुई है। हम उनकी तलाश कर रहे हैं। जांच अभी पूरी नहीं हुई है। दर्जनों और लोग हैं जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।” उन्होंने कहा कि लोकेश सिंगला और मोनू मानेसर की भूमिका की अभी जांच की जा रही है।

श्रीवास्तव ने कहा, “जब तक मैं किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता तब तक मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। जब तक मेरे पास पर्याप्त नहीं सबूत होते तबतक मैं यह नहीं कह सकता कि मोनू मानेसर निर्दोष है या आरोपी।” पीड़ितों के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर गोपालगढ़ पुलिस स्टेशन में पांच लोगों अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और मोनू मानेसर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143, 365, 367, और 368 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि आईपीसी की दो और धाराएं 302 (हत्या) और 201 (सबूत मिटाना) इसमें जोड़ी गई हैं। पुलिस ने अपनी जांच में पाया है कि सभी आरोपी गाय तस्करों पर लगाम लगाने के लिए गोरक्षकों के तौर पर एक निजी अभियान चला रहे थे। इसका उद्देश्य ऐसे तस्करों को तस्करी कर लाए गए मवेशियों के साथ जिंदा पकड़ना था और इस प्रक्रिया में उन्होंने बोलेरो कार को रोक लिया, जिसमें जुनैद और नासीर सवार थे। इसी क्रम में उन्होंने दोनों की पिटाई कर दी। पुलिस ने कहा कि क्या पिटाई के बाद उन्हें हरियाणा पुलिस के पास ले जाया गया था, इसकी अभी जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा,‘‘ राजस्थान पुलिस की तीन टीमें अलग अलग क्षेत्रों में हरियाणा पुलिस के साथ सरगर्मी से आरोपियों की तलाश कर रही है। इनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।” उन्होंने कहा कि रिंकू से पूछताछ के आधार पर पीड़ित युवकों को ले जाने वाले वाहन की पहचान एक सफेद स्कार्पियों के रूप में हुई। इस वाहन को जींद में श्रीसोमनाथ गोशाला के परिसर से बरामद कर लिया गया। श्रीवास्तव ने कहा, “पहले जानकारी थी कि का वाहन मालिक जिला परिषद, जींद का सीईओ है लेकिन बाद में पता चला कि कार की नीलामी 2020 में की गई थी। आगे की जानकारी की जांच की जा रही है।”

उन्होंने कहा,‘‘ इस वाहन से राजस्थान की पुलिस ने रक्त आदि के नमूने लिए।” श्रीवास्तव ने बताया कि जले हुए वाहन से मिले हड्डियों के नमूने, स्कॉर्पियों से मिले खून व अन्य जैविक नमूनों और दोनों मृत युवकों के परिजनों के डीएनए नमूने मिलान के लिए एफएसएल भेजे जाएंगे। 

अधिकारी ने कहा,‘‘हम हरियाणा पुलिस के साथ समन्वय से आगे बढ़ रहे हैं और हमें उम्मीद है कि बहुत ही जल्दी ये आरोपी गिरफ्तार किए जाएंगे। इनकी गिरफ्तारी के बाद जो अन्य व्यक्ति इसमें शामिल रहे हैं अलग-अलग स्तर पर जिस-जिस व्यक्ति ने भूमिका निभाई है उसका खुलासा होगा और फिर बेतहर तरीके से उनकी गिरफ्तारियां हो पाएंगी।”

वहीं जयपुर में गहलोत ने इस घटना को मार्मिक बताते हुए कहा कि इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इसके साथ ही उन्होंने कहा,‘‘मैं तो यह कहूंगा कि कानून अपना काम करे..मुलजिम पकड़े जाने चाहिए।” घटना में शामिल लोगों के ‘गोरक्षक’ होने पर कटाक्ष करते हुए, उन्होंने कहा, ‘‘ ये बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद के नाम से काम करते हैं .. ये बेईमान लोग हैं… असामाजिक तत्व हैं। प्रधानमंत्री ने खुद ने कहा था कि ये अमसाजिक तत्व हैं।” (एजेंसी)

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