MP Assembly Elections: पहले बोला ‘छुटभैये नेता’, अब कमलनाथ के बयान पर पलटे रामगोपाल यादव, बोले- वो मेरे दोस्त हैं

Bhopal: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections) के मद्देनजर सीट के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अखिलेश यादव ने इस बाबत कांग्रेस पर निशाना साधा था। इसी मामले पर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि टिकट को लेकर करीब 4 हजार लोगों ने आवेदन किया था। हर उम्मीदवार को लगता है कि वह चनाव जीतेगा। सीट बंटवारे और टिकट देने का फैसला चर्चा करने के बाद लिया गया है। वहीं कमलनाथ के बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा है कि कमलनाथ मेरे दोस्त हैं। मैं उनसे कुछ नहीं कहूंगा। जबकि रामगोपाल यादव ने बीते कल जब पत्रकारों ने राम गोपाल यादव से इस बाबत सवाल किया तो उन्होंने कमलनाथ का नाम लिए बगैर उनपर तीखा तंज कसा था।

MP Assembly Elections कमलनाथ के बयान पर क्या बोले रामगोपाल यादव

पत्रकारों से बात करते हुए बीते कल रामगोपाल यादव ने कांग्रेस और कमलनाथ का नाम लिए बगैर कहा,  ‘रहने दो यार। हमें इसपर कुछ नहीं कहना है। छुटभैये नेता हैं ये। इसके अलावा मैं कोई कमेंट नहीं करूंगा। अखिलेश पहले ही इस पर कमेंट कर चुके हैं, मैं रिपीट नहीं करूंगा।’ बता दें कि मध्य प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर अखिलेश यादव ने कहा था कि हमसे सारी जानकारी लेने के बाद भी कांग्रेस ने उन्हें मध्य प्रदेश में सीटें नहीं दी। अखिलेश यादव ने यहां तक कह डाला कि अब लोकसभा चुनाव के दौरान सीट बंटवारे और गठबंधन पर वह विचार करेंगे। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने उनके साथ जैसा व्यवहार किया है, वो भी उनके साथ वैसा ही व्यवहार करेंगे। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कैसे गठबंधन होगा हम देखेंगे।

कांग्रेस नेताओं का बयान

इसपर कांग्रेस नेता व छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि उनकी सोच के लिए मैं क्या कह सकता हूं। वे काफी पढ़े लिखे हैं, मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं, तौ मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। वहीं सुप्रिया श्रीनेत ने अखिलेश यादव के बयान पर कहा था, ‘जब चुनाव होते हैं तो टिकटों पर आपसी खींचतान स्वभाविक बात है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि विपक्षी गठबंधन के बेहद महत्वपूर्ण सदस्य हैं अखिलेश यादव और हमारी पार्टी के कई लोग उनके संपर्क में हैं। हर बार I.N.D.I.A गठबंधन पर सवाल उठा देना जल्दबादी और अपरिपक्वता है।’