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Manipur में फिर बिगड़े हालात, महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर दौड़ाया, Video वायरल होने के बाद बवाल

मणिपुर (Manipur News) में हालात काबू होने की बजाय बिगड़ते जा रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, 4 मई का एक वीडियो (Manipur Viral video) सामने आया है। इसमें एक समुदाय की दो महिलाओं को दूसरे पक्ष के कुछ लोग निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमा रहे हैं। इस घटना के सामने आने के बाद इलाके में तनाव फैल गया है।

अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो (Manipur Viral video) इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) के गुरुवार को होने वाले प्रदर्शन से ठीक एक दिन पहले प्रसारित किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि ये वीडियो इस वजह से वायरल किया जा रहा है, ताकि उस समुदाय की दुर्दशा को उजागर किया जा सके।

ITLF के एक प्रवक्ता ने बताया कि कांगपोकपी जिले में 4 मई का है। इसमें महिलाओं को नग्न अवस्था में दर्शाया गया है। वीडियो (Manipur Viral video) में पुरुष पीड़ित महिलाओं से लगातार छेड़छाड़ करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं पीड़ित महिलाएं बंधक बनी हुई हैं और लगातार मदद की गुहार लगा रही हैं। उन्होंने बताया कि अपराधियों ने इस वीडियो को बनाने के बाद वायरल भी कर दिया है। इससे इन निर्दोष महिलाओं द्वारा झेली गई भयावह यातना कई गुना बढ़ गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

वहीं, पुलिस ने कहा कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

केंद्र और राज्य सरकार से जांच की मांग

प्रवक्ता ने एक बयान में इस ”घृणित कृत्य” की निंदा करते हुए मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारें, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग इस मामले का संज्ञान लें और दोषियों को कानून के सामने लाएं। कुकी समुदाय गुरुवार को चुरचांदपुर में प्रस्तावित विरोध मार्च के दौरान इस मुद्दे को भी उठाने की योजना बना रहे हैं।

CM ने दिए जांच के आदेश

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन। बीरेन सिंह ने आजतक को बताया कि सरकार ने उस वीडियो का स्वत: संज्ञान ले लिया है। जिसमें 2 महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घसीटते हुए दिखाया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं। बी।फेनोम गांव के 65 साल के प्रमुख थांगबोई वैफेई द्वारा सैकुल पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भीड़ ने तीसरी महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया था।

महिलाओं को निर्वस्त्र कर खेत में घसीटा

हिंसा प्रभावित मणिपुर में आज जो वीडियो वायरल (Manipur Viral video) हुआ है, वह घटना 4 मई को कांगकोपी जिले में हुई थी। इसमें भीड़ 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर खेत में घसीटती हुई दिखाई दे रही है। घटना की निंदा करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम का दावा है कि महिलाएं कुकी-ज़ो जनजाति की थीं, जबकि उनके साथ छेड़छाड़ करने वाली भीड़ मैतेई समुदाय से थी। घटना के एक महीने से अधिक समय बाद 21 जून को FIR दर्ज कराई गई थी। IPC की धारा के तहत धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376, 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

भीड़ ने एक युवक को मार डाला

शिकायत में कहा गया है कि भीड़ ने एक आदमी को मार डाला और 3 महिलाओं को निर्वस्त्र कर दिया था। इनमें से एक 19 साल की पीड़िता के साथ गैंगरेप किया गया। जब उसके भाई ने उसकी मदद करने की कोशिश की तो उसकी भी हत्या कर दी गई। बाद में तीनों महिलाएं कुछ अनजान लोगों की मदद से मौके से भागने में सफल रहीं।

एक हजार लोगों की भीड़ गांव में घुसी

शिकायत के अनुसार 4 मई को मणिपुर में पहली बार हिंसा भड़कने के एक दिन बाद लगभग 3 बजे करीब 1 हजार लोग AK राइफल्स, SLR, इंसास और .303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार लेकर बी। फ़ेनोम गांव में घुस गए। हिंसक भीड़ ने तोड़फोड़ कर संपत्ति लूटी और घरों को जला दिया।

महिलाओं को पुलिस से छीनकर ले गए थे उपद्रवी

शिकायत में बताया गया है कि हमले के दौरान 2 पुरुष और 3 महिलाएं जंगल की ओर भाग गए। बाद में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस टीम ने बचाया और उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था, तभी भीड़ ने उन्हें पुलिस स्टेशन से लगभग 2 किमी दूर तौबुल (सेकमई खुनौ) के पास पुलिस टीम से छीनकर ले गए थे।

मणिपुर में कब भड़की हिंसा?

मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए ‘आदिवासी एकता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़की थी। इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। जानकारों का मानना है कि बातचीत से ही इस हिंसा को शांत किया जा सकता है, लेकिन समस्या ये है कि बातचीत को कोई तैयार हो नहीं रहा है। हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

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