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अमेरिका में 1 लाख से अधिक भारतीयों पर मंडरा रहा मां-बाप से अलग होने का खतरा… ग्रीन कार्ड के बैकलॉग ने बढ़ाई चिंता

New York: अमेरिका में ग्रीन कार्ड देने की प्रक्रिया में देरी की वजह से एक लाख से अधिक भारतीय बच्चों पर अपने माता-पिता से अलग होने का खतरा मंडरा रहा है. करीब 10.7 लाख से अधिक भारतीय हैं जो रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड के लिए कतार में हैं. आपको बता दें ग्रीन कार्ड संयुक्त राज्य अमेरिका में कानूनी तौर पर स्थायी निवास प्रदान करता है.

लंबित मामलों की भारी संख्या और प्रत्येक देश पर 7 प्रतिशत कार्ड प्रदान करने की सीमा के चलते, वर्तमान में जो कार्ड पैंडिग हैं उनकी संख्या के आधार पर उस प्रक्रिया को पूरा होने में 135 साल से अधिक समय लगने की आशंका है. यहां तक कि अगर मृत्यु या बुढ़ापे जैसे ड्रॉप आउट यानी नाम कटने संबंधी मामलों को भी ध्यान में रखा जाए तब भी यह समय सीमा 54 साल से कम नहीं होगी.

कैटो इंस्टीट्यूट के आव्रजन अध्ययन विशेषज्ञ डेविड जे बियर के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि जब तक ग्रीन कार्ड आवेदन की प्रक्रिया होती है, तब तक एच-4 वीजा के तहत आने वाले 1.34 लाख भारतीय बच्चे बूढ़े हो जाएंगे. इससे उन्हें अपने माता-पिता से जबरन अलग होना पड़ेगा.

क्या है H-1B और H-4 वीजा
दरअसल जो लोग काम करने के लिए अमेरिका जाते हैं ऐसे अत्यधिक कुशल श्रमिकों के लिए H-1B वीजा एक अस्थायी कार्य वीजा होता है. इसी तरह जो लोग H-1B के तहत यहां आते हैं उनके परिवार यानी जीवनसाथी और बच्चों के लिए यहां पर एच-4 वीजा जारी किया जाता है, जिसके तहत वह गैर-अप्रवासी के तौर पर यहां रह सकते हैं. हालांकि, जब बच्चे 21 वर्ष के हो जाते हैं, तो उन्हें H-4 वीजा श्रेणी के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं दी जाती है. ऐसे में इन बच्चों के पास दो विकल्प होते हैं

क्या हैं वो दो विकल्प
पहला विकल्प है- एफ-1 या छात्र वीजा हासिल करना. यह वीजा उन्हें अमेरिका में अध्ययन करने की अनुमति देता है, लेकिन उन्हें रोजगार प्राधिकरण दस्तावेज़ (ईएडी) प्राप्त किए बिना काम करने की अनुमति नहीं होती है. वहीं ईएडी आवेदन प्रक्रिया लंबी और महंगी होती है. और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बच्चे एफ-1 वीजा प्राप्त कर ही लें क्योंकि केवल सीमित संख्या में बच्चे ही इसे प्राप्त कर पाते हैं. दूसरा विकल्प है, खुद को अपने देश में निर्वासित करना. यह एक कठिन और भावनात्मक फैसला हो सकता है. खासकर उन बच्चों के लिए जो बचपन में अमेरिका आए थे और वहां बड़े हुए हैं और उनका भारत में अपने परिवार से बहुत कम या कोई संबंध नहीं है.

भारतीय परिवार और अनिश्चितताओं भरा अमेरिका
एच-4 वीजा की आयु सीमा और ग्रीन कार्ड प्रक्रिया में दशकों से पैंडिग हालात अमेरिका में बसे कई भारतीय परिवारों के लिए अनिश्चितता और चिंता की एक अहम वजह बन चुका है. बाइडन प्रशासन ने एक नियम प्रस्तावित किया है जो 21 वर्ष के होने वाले निश्चित एच-4 वीजा धारकों को संयुक्त राज्य में रहने और काम करने की अनुमति देगा, लेकिन यह साफ नहीं है कि यह नियम कब और कैसे लागू किया जाएगा. बाइडन ने ग्रीन कार्ड के लिए 7 प्रतिशत की देश सीमा को बदलने का भी वादा किया था लेकिन वह भी इस प्रक्रिया की तरह ही पेंडिग है.

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