पाकिस्तानी रुपये में 20 साल में सबसे बड़ी गिरावट, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले औंधे मुंह गिरा

नई दिल्ली : आर्थिक तौर पर कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान के लिए गुरुवार का दिन बेहद झटका भरा साबित हुआ. गुरुवार को पाकिस्तानी रुपये में 20 साल की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की गई. दक्षिण एशियाई देश पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार, गुरुवार को कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया करीब 9.6 फीसदी तक टूट गया.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी रुपये में गिरावट इतनी जोरदार थी कि इसने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) को फिर से लोन के देने के लिए गंभीरतापूर्वक विचार करने पर मजबूर कर दिया. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा कंपनियों ने पाकिस्तानी रुपये और डॉलर की विनिमय दर पर लगे एक कैप को हटा दी थी. यह आर्थिक सुधार के एक कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर आईएमएफ की प्रमुख मांग थी, जिस पर कर्ज से लदे दक्षिण एशियाई देश के साथ सहमति हुई थी.

पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति बेहद गंभीर

पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार डॉन की शुक्रवार की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के चेयरमैन असीम अहमद ने देश में मौजूदा वित्तीय स्थिति को ‘गंभीर’ करार दिया है. असीम अहमद ने अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस के मौके पर गुरुवार को कस्टम हाउस में आयोजित एक समारोह में कहा कि पाकिस्तान में आर्थिक स्थिति गंभीर है और राजस्व की भारी कमी है. हम जल्द ही कर अंतर को दूर कर लेंगे. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, असीम अहमद ने कहा कि आने वाले दिनों में 7.47 खरब रुपये के राजस्व का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा, क्योंकि जो लोग अब तक टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे थे, उन्हें टैक्स के दायरे में लाया जाएगा.

आईएमएफ ने 2019 में दिया 6 अरब डॉलर का कर्ज

बता दें कि पाकिस्तान ने वर्ष 2019 में आईएमएफ से करीब 6 अरब डॉलर की बेलआउट पैकेज हासिल की थी. इसके बाद पिछले साल उसे करीब 1 अरब डॉलर के कर्ज के साथ टॉपअप की सुविधा प्रदान की गई थी. इसी दौरान पिछले साल मानसून में बाढ़ की विभीषिका ने पाकिस्तान को पूरी तरह से तबाह कर दिया.

जनवरी के अंत में मिशन भेजेंगे कर्जदाता

हालांकि, राजकोषीय समेकन के रास्ते पर अधिक प्रगति करने में उसकी विफलता के कारण कर्जदाताओं ने पिछले साल के नवंबर महीने में संवितरण को निलंबित कर दिया था. कर्जदाताओं ने गुरुवार को घोषणा की कि वह इन संवितरणों को फिर से बहाल करने के लिए जनवरी के अंत में एक मिशन को पाकिस्तान भेजेंगे.

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