Shriramcharitmanas Case | श्रीरामचरितमानस मामले में मौर्य समेत 10 लोगों के ख़िलाफ प्राथमिकी दर्ज, पांच गिरफ्तार

FILE- PHOTO

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा द्वारा श्रीरामचरितमानस (Shriramcharitmanas Case) के कथित तौर पर “महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी” वाले पन्नों की ‘फोटोकॉपी’ जलाने के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) समेत 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने देर शाम बताया कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है । पुलिस ने बताया कि सतनाम सिंह लवी नाम के व्यक्ति की शिकायत पर यहां पीजीआई थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इसमें आरोप लगाया गया है कि श्रीरामचरितमानस के पन्नों की प्रति जलाने से शांति को खतरा है। उन्होंने बताया भारतीय दंड संहिता की धारा 142, 143, 153 ए, 295, 295 ए, 298, 504, 505, 506 और 120 बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

प्राथमिकी में मौर्य के अलावा देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह, सत्येंद्र कुशवाहा, देवेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, सुरेश सिंह यादव, संतोष वर्मा, मो सलीम और अन्य अज्ञात शामिल हैं। पुलिस ने सोमवार शाम एक बयान में बताया कि इन दस आरोपियों में से गिरफ्तार पांच आरोपियों में सत्येंद्र कुशवाहा,यशपाल सिंह, देवेंद्र प्रताप यादव,सुरेश सिंह यादव तथा मो सलीम शामिल हैं । इस बारे में पूछे जाने पर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) कैंट अनूप कुमार सिंह ने कहा, ‘‘हां, मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है। हालांकि इससे अधिक जानकारी होने से उन्होंने अनभिज्ञता जताई।”

उल्लेखनीय है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले श्रीरामचरितमानस के ‘पन्ने’ की ‘फोटोकॉपी’ जलायी।

यह भी पढ़ें

अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने मौर्य के समर्थन में लखनऊ के ‘वृंदावन योजना’ सेक्टर में ‘सांकेतिक’ विरोध प्रदर्शन करते हुए श्रीरामचरितमानस के पन्ने की छायाप्रतियां जलायीं। महासभा के पदाधिकारी देवेंद्र प्रताप यादव ने ‘वेब वार्ता-वेब वार्ता’ को बताया, “जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में बताया गया है कि हमने श्रीरामचरितमानस की प्रतियां जलाई है, यह कहना गलत है। पुस्तक की आपत्तिजनक टिप्पणियों की फोटोकॉपी, जो ‘शूद्रों’ (दलितों) और महिलाओं के खिलाफ थीं, और फोटोकॉपी पेज को सांकेतिक विरोध के रूप में जला दिया।”

यह पूछे जाने पर कि उन्हें ऐसा विरोध दर्ज कराने के लिए किसने प्रेरित किया, यादव ने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले ही मांग की थी कि श्रीरामचरितमानस में उल्लिखित आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटा दिया जाना चाहिए या उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। सरकार ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया। इस पर स्वामी प्रसाद मौर्य को हमने समर्थन दिया है और अखिल भारतीय ओबीसी महासभा उनके साथ खड़ी है।’

अन्य पिछड़ा वर्गों के प्रमुख नेताओं में शुमार किये जाने वाले सपा के विधान परिषद सदस्य तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में यह आरोप लगाकर एक विवाद खड़ा कर दिया कि श्रीरामचरितमानस की कुछ चौपाइयों में जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का “अपमान” किया गया है। उन्होंने मांग की कि इन पर “प्रतिबंध” लगाया जाए।

मौर्य प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उन्होंने इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। उन्होंने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था। (एजेंसी)

ताजा समाचार

Leave A Reply

Please enter your comment!
Please enter your name here