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कर्नाटक में ग्रामीणों ने नाबालिग लड़कों की कराई शादी, कहा- इससे पूरे गांव में…

Kolar (Karnataka): कर्नाटक के कोलर में बारिश न होने और रागी की फसल के खराब होने के डर से ग्रामीणों ने अजीब कदम उठाया. चिक्कबल्लापुर जिले के ग्रामीण देवताओं को खुश करने के दो लड़कों की शादी करा दी. पिछले तीन दिन में जिले में बारिश के देवता को प्रसन्न करने के लिए पूर्णिमा के दिन ग्रामीणों का नाबालिग लड़कों की आपस में शादी कराने दो मामले सामने आए हैं.

चिंतामणि तालुक के हिरेकट्टीगेनाहल्ली में ग्रामीणों ने गुरुवार शाम को दो लड़कों की आपस में ‘शादी’ कराई. वहीं, इलाके के कृषक मंजूनाथ ने दावा किया कि जैसे ही हालात बदले, आधे घंटे से भी कम समय में गांव में बारिश हो गई. मंजूनाथ ने कहा कि बारिश नहीं होने के कारण ग्रामीणों को मुश्किल समय का सामना करना पड़ रहा है और उनका दृढ़ विश्वास है कि अगर वे लड़कों की ‘शादी’ करेंगे तो भारी बारिश होगी. इस प्रकार, कक्षा 5 के दो लड़कों को इस कार्य के लिए चुना गया – एक पिछड़े समुदाय से ‘दूल्हा’ था और एक दलित लड़का ‘दुल्हन’ था.

शादी के लिए पूरे गांव के लोग इकट्ठा हुए और मंगलसूत्र बांधने समेत सभी रस्में निभाई गईं. बाद में दूल्हे और दुल्हन की आरती उतारी गई और उन्हें उपहार दिए गए. मंजूनाथ ने कहा, शादी समारोह के अंत में दूल्हा-दुल्हन को 1,600 रुपये भी दिए गए. इस राशि को सोशल मीडिया पर शेयर भी की गई है.

उनके मुताबिक, ये लड़के ‘शादी का बोझ’ नहीं उठाते और बाद में सामान्य जीवन जीते हैं. इससे पहले बुधवार की रात चिक्काबल्लापुरा तालुकके मोगलाकुप्पे गांव में भी दो नाबालिग लड़को की शादी कराई गई थी. बताया जाता है कि कर्नाटक के इन ताल्लुकों सदियों से ये परंपरा निभाई जाती रही हैं. लोगों का मानना है कि नाबालिग बच्चों की शादी करा देने से बारिश के देवता खुश हो जाते हैं और वर्षा करा देते हैं. जिससे फसलें ख़राब होने से बच जाती हैं.

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