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राहुल गांधी के बचाव में उतरे Sanjay Raut, कहा- ओवैसी अगर सच्चे भारतीय हैं तो पीएम मोदी या अमित शाह को…

New Delhi: AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा राहुल गांधी को वायनाड छोड़कर हैदराबाद से चुनाव लड़ने का चैलेंज दिया गया है। अब ओवैसी के इस चैलेंज पर शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) राहुल गांधी के बचाव में सामने आ गए हैं। दरअसल, सोमवार को संजय राउत पात्रा चॉल मामले की सुनवाई के दौरान मुंबई के सेशन कोर्ट आये थे। यहीं पर उन्होंने ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है।

ओवैसी अगर सच्चे भारतीय हैं तो…

संजय राउत (Sanjay Raut) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ओवैसी अगर सच्चे भारतीय हैं तो उन्हें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को चैलेंज करना चाहिए कि वो आकर हैदराबाद से आकर चुनाव लड़ें। राउत ने कहा कि राहुल गांधी की आज लोगों में जो भावना है उसे देखते हुए राहुल गांधी चुनाव में देश में कहीं से भी खड़े होंगे तो वह जीत जाएंगे। बता दें कि सांसद ओवैसी ने हैदराबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस, सपा और बीजेपी को एक साथ बताया था। ओवैसी ने राहुल को हैदराबाद सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। ओवैसी ने कहा था कि कांग्रेस बड़ी-बड़ी बातें करने के बजाय जमीन पर आकर मुकाबला करे।

मॉब लिंचिंग पर भी बोले

ओवैसी ने संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली के लिए अपमानजनक टिप्पणी का भी मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि संसद में भाजपा का एक सांसद एक मुसलमान सांसद को गाली देता है।  वह दिन दूर नहीं जब देश की संसद में किसी मुसलमान की मॉब लिंचिंग होगी। ओवैसी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा- “यह सरकार बीजेपी की है तो कुछ भी हो सकता है, आगे-आगे देखिए। उनके बयान पर मैं और क्या कुछ कहूं जो होगा सबको दिखाई देगा।”

नीतीश राणे के लेटर पर बयान

बीजेपी विधायक नितेश राणे ने हाल ही में विधानसभा सेक्रेटरी को पत्र लिखकर संजय राउत (Sanjay Raut) और अंबादास दानवे पर विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की मांग की है। राणे का आरोप है कि दोनों नेता राजनीति से प्रेरित बयान देकर राज्य में विधायकों की अयोग्यता पर चल रही सुनवाई में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर दवाब बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि शिकायत में कहा गया है कि मैं दबाव बना रहा हूं, लेकिन उनपर दिल्ली का दवाब है। इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उतना समय रहा है। ये अगर समय से काम करते तो अबतक 16 विधायक अपात्र हो जाते।

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