Chennai: हाल ही में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से एक बुरी खबर सामने आई है। खबर है कि मलयालम फिल्म निर्माता केजी जॉर्ज (KG George) का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार आज रविवार को केरल के कक्कनाड स्थित अपने घर पर उन्होंने आखिरी सांस ली है। बताया जा रहा है कि केजी का स्ट्रोक का इलाज चल रहा था, ऐसे में बीते दिन उनकी तबीयत ज्यादी खराब हो गई और वो दुनिया को अलविदा कह गए। केजी जॉर्ज से उनके परिवार में मातम छा गया है, वहीं मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भी उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई है।
KG George की चर्चित फिल्में कौन सी थीं?
हालांकि वह उद्योग में केवल दो दशकों से अधिक समय तक सक्रिय रहे, लेकिन उन्होंने कई ऐसी फ़िल्में छोड़ बनाईं, जिन्हें मलयालम सिनेमा की क्लासिक्स में गिना जाता है. इनमें खोजी थ्रिलर ‘यवनिका’ (1982) से लेकर राजनीतिक व्यंग्य ‘पंचवड़ी पालम’ (1984) और साइक्लॉजीकल थ्रिलर ‘इराकल’ (1985) तक शामिल हैं. ये सभी फिल्में आज भी नए युग के फिल्म निर्माताओं को प्रेरित करती हैं. अभिनेत्री शोबा की मौत की वजह बनी परिस्थितियों पर आधारित ‘लेखायुदे मरनम ओरु फ्लैशबैक’ के जरिए उन्होंने इंडस्ट्री पर भी अंदरूनी नजर डाली.
वह शुरू में रामू करियाट के सहायक थे और बाद में भरतन और पी. पद्मराजन के साथ अलग हुई तिकड़ी का हिस्सा बन गए. सिनेमा कथा के नए स्कूल ‘यवनिक्का’ (1982) और ‘इराकल’ (1986) के साथ-साथ ‘पंचवदिप्पलम’ और ‘आदामिंते वारियेलु’ जैसी फिल्में बनाने वाले जार्ज को इन फिल्मों ने मलयालम फिल्म उद्योग में सर्वकालिक महान निर्देशकों में स्थापित किया.
इसके अलावा उन्होंने कुछ लोकप्रिय फिल्में बनाईं, जिनमें स्वप्नदानम, ओलकाटल, कोलांगल, मेला, लेखायुदे मरनम ओरु फ्लैशबैक, एडमिन्टे वारियेलु, कथक्कू पिनिल, मैटोरल, ई कन्नी कूडी शामिल हैं.
मिल चुके थे ये पुरस्कार
उन्होंने अपनी फिल्मों यवनिका, स्वप्नदानम, एडमिन्टे वारियेलु और इराकल के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार जीते. मलयालम सिनेमा में उनके आजीवन योगदान के लिए 2016 में उन्हें जेसी डैनियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उनके परिवार में उनकी पत्नी पार्श्व गायिका सलमा और दो बच्चे हैं.